सामाजिक परिवर्तन का अर्थ एवं परिभाषा || MEANING AND DEFINITION OF SOCIAL CHANGE
सामाजिक परिवर्तन का अर्थ एवं परिभाषा (MEANING AND DEFINITION OF SOCIAL CHANGE) सामान्यतः सामाजिक परिवर्तन का तात्पर्य समाज में घटित होने वाले परिवर्तनों से है। प्रारम्भ में समाज-वैज्ञानिकों ने उद्विकास, प्रगति एवं सामाजिक परिवर्तनों में कोई भेद नहीं किया था और वे इन तीनों अवधारणाओं का प्रयोग एक ही अर्थ में करते थे। पहली बार सन् 1922 में ऑगबर्न ने अपनी पुस्तक 'Social Change' में इनमें पाये जाने वाले भेद को स्पष्ट किया। उनके बाद से समाजशास्त्रीय साहित्य में इन शब्दों का काफी प्रयोग हुआ है। कुछ विद्वानों ने सामाजिक ढांचे में होने वाले परिवर्तनों को सामाजिक परिवर्तन कहा है तो कुछ ने सामाजिक सम्बन्धों में होने वाले परिवर्तनों को। सम्पूर्ण समाज अथवा उसके किसी भी पक्ष में होने वाले परिवर्तनों को हम सामाजिक परिवर्तन कहेंगे। सामाजिक परिवर्तन की अवधारणा को स्पष्टतः समझने के लिए हम विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गयी कुछ परिभाषाओं का यहां उल्लेख करेंगे : मैकाइबर एवं पेज के अनुसार , "समाजशास्त्री होने के नाते हमारी विशेष रुचि प्रत्यक्ष रूप से सामाजिक सम्बन्धों में है। केवल इन सामाजिक स...